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Amit Kumar

Romance Classics Inspirational

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Amit Kumar

Romance Classics Inspirational

सरमाया

सरमाया

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एक मुद्दत के बाद

उसने अपना झरोखा

खोला है शायद !


उसके दिल ने 

अब किसी को

अपना पाया है


वैसे तो हर वक़्त

तकता रहता है

वो मेरी दुश्वारियां

न जाने कहाँ से

उसने चाहत का

यह सबब पाया है


रहगुज़र तुम्हारी अपना

मुक़द्दर तय कर ही लेगी

आज नही तो कल

जिसको चाहा है

उससे मिल ही लेगी

यही विश्वास बरसों से

हमारा भी सरमाया है।


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