दिल में थी मुहब्बत, लब पे सुखनवरी, बस इतना मुख़्तसर था सरमाया मेरा. दिल में थी मुहब्बत, लब पे सुखनवरी, बस इतना मुख़्तसर था सरमाया मेरा.
यही विश्वास बरसों से हमारा भी सरमाया है। यही विश्वास बरसों से हमारा भी सरमाया है।
यों जल कर हर रिश्ता निभाया है, इस जलन में तुमने क्या ही पाया है, यों जल कर हर रिश्ता निभाया है, इस जलन में तुमने क्या ही पाया है,
दर्द की बेचैनी को तराश कर अल्फाज तक ले आये दर्द की बेचैनी को तराश कर अल्फाज तक ले आये
मेरे जिस्म से रूह तक, उसका ही साया था.... मेरी शर्मीली और मैं उसका सरमाया था.... मेरे जिस्म से रूह तक, उसका ही साया था.... मेरी शर्मीली और मैं उसका सरमा...