मैं ना रहूँ मगर रहे मेरी बेटी सिवा इसके कोई चाह नहीं। मैं ना रहूँ मगर रहे मेरी बेटी सिवा इसके कोई चाह नहीं।
भावों को शब्दों में भरकरपन्नों पर बिखराते हैं जोबंजर मन में नेह-सुमन कीनूतन पौध लगाते हैं जो भावों को शब्दों में भरकरपन्नों पर बिखराते हैं जोबंजर मन में नेह-सुमन कीनूतन पौध ...
हर औरत के दिल का हाले बयां हर औरत के दिल का हाले बयां
गहरी भावनाओं की व्याख्या के लिए न जाने कितने आँसू मरे हैं इसलिये आँसू बड़े बुरे हैं। गहरी भावनाओं की व्याख्या के लिए न जाने कितने आँसू मरे हैं इसलिये आँसू बड़े बु...
सवि अमन चाहती है हमेशा यहाँ ढूँढती है जगत में वतन का नशा। सवि अमन चाहती है हमेशा यहाँ ढूँढती है जगत में वतन का नशा।
हर बला उसकी अपने सर लेकर सरसों मिर्ची से नज़र उतारे। हर बला उसकी अपने सर लेकर सरसों मिर्ची से नज़र उतारे।