मैं ना रहूँ मगर रहे मेरी बेटी सिवा इसके कोई चाह नहीं। मैं ना रहूँ मगर रहे मेरी बेटी सिवा इसके कोई चाह नहीं।
भावना जिसे व्यक्त करने के लिए शब्द कम पद जाते ,कभी कभी ये मुस्कान ,कभी आंसू कभी बीएस कल्पना होते। .... भावना जिसे व्यक्त करने के लिए शब्द कम पद जाते ,कभी कभी ये मुस्कान ,कभी आंसू कभी...
हक़ीक़त खुले हक़ीक़त खुले
तुम टोह लेना मेरे गीले मन की, तुम टोह लेना मेरे गीले मन की,
मापना है समंदर की गोदी क्या तू थाह पाएगा मापना है समंदर की गोदी क्या तू थाह पाएगा
क्या हो गया संग जीने- मरने के रस्मों- कसमों का ? क्या हो गया संग जीने- मरने के रस्मों- कसमों का ?