नन्हा बीज
नन्हा बीज
माँ के आँचल से झांकें
बीज नन्हा छाती से लग के
हर्षित माता क्षुदा मिटाती
नन्हे को अपलक निहारती
माँ बालक को गोद उठाए
पालना में झूला झुलाए
लोरी गाकर उसे सुलाए
काँधे पर दुलार से उठाए
शिशु हँसे तो माँ खिल जाए
पग धूलों को आँचल से झाड़े
खुद भूखी पर ललना खिलाए
तोतली बोली पर वारी जाए
डाँट में भी प्यार छुपाए
भूल करे तो गले से लगाए
लाड़ की चाशनी लाल को चटाए
हर बला उसकी अपने सर लेकर
सरसों मिर्ची से नज़र उतारे।