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Sumit. Malhotra

Abstract

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Sumit. Malhotra

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मेरी पसंदीदा जगह।

मेरी पसंदीदा जगह।

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मेरी पसंदीदा जगह, स्वर्ग सा घर हमारा, 

कम नहीं ये भी कि, परिवार अच्छा मेरा। 


माता पिता भाई ही, पत्नी व बेटी महान, 

कम नहीं ये भी कि, कुछ रिश्ते मतलबी। 


माता पिता को लूटे, व्यवहार तक ग़लत, 

कम नहीं ये भी कि, कुछ दोस्त गद्दार भी। 


मतलब के सब यार, दग़ाबाज़ हमारे यार, 

सबसे अच्छा लगता, सदा अपना घर यार। 


चाहे छोटा चाहे बड़ा, हमारा वो घर ही यार, 

चाहे ताजमहल रहते, या कश्मीर सब यार। 


चाहे होवें झोपड़ी यार, चाहे वो महल है यार, 

सबसे पसंद होता हमें, स्वयं का घर ही यार।


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