बेटियां
बेटियां


ब्याह के बाद
तन्हा हो जाती हैं बेटियां
कोई स्नेह से सिर सहलाये
रो जाती है बेटियां।
कई रिश्ते होते हैं
ब्याह के बाद,
रिश्तों की भीड़ में
कहीं खो जाती है बेटियां।
मायके में पूछे बाबुल
कोई दुख तकलीफ तो नही,
खुशियां बताकर अपनी
चुप हो जाती हैं बेटियां।
समेटे होती है अपने अंदर
अनगिनत सिसकियों का समंदर
फिर भी, संतानों में
प्रेम स्नेह का बीज बो जाती है बेटियां।
हाय री धरती !
देख जरा
परीक्षाएं देते देते
सीता सी तेरी गोद में
सो जाती है बेटियां।