माँ साल में एक बार मातृ दिवस भी मना लिया करता हूं। माँ साल में एक बार मातृ दिवस भी मना लिया करता हूं।
क्यूँ लगता है कि बुढ़ापे में सनक होती है, ये तो खर्च हो चुके शरीर की कसक होती है। क्यूँ लगता है कि बुढ़ापे में सनक होती है, ये तो खर्च हो चुके शरीर की कसक...
काम कैसे भी, ईंट ,गारा, सीमेंट, बिल्डिंग सरिये की, शाम को उन्हें चाहिए , क्या? काम कैसे भी, ईंट ,गारा, सीमेंट, बिल्डिंग सरिये की, शाम को उन्हें चाहिए , क्या...
नम हों आँखें, तो मुस्कुराना सीखो नम हों आँखें, तो मुस्कुराना सीखो
मैं रोक न सकी अपनी सिसकी। मैं रोक न सकी अपनी सिसकी।
हिचकियाँ आते ही मस्त उन्माद से भर जाते है लोग आजकल। हिचकियाँ आते ही मस्त उन्माद से भर जाते है लोग आजकल।