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Poonam Sethi

Abstract

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Poonam Sethi

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वो बीते पल

वो बीते पल

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मेरी प्यारी मां मुझसे बहुत प्यार किया करती थी

 हां, मैं जानता हूं माँ मुझसे बहुत प्यार किया करती थी।


 हां माँ बहुत भरोसा मुझ पर किया करती थी 

और...मैं आसानी से मां को बहला लिया करता था 

अपनी शरारते को भी छुपा लिया करता था।


 मेरी नटखट नदानियों पर जोर से माँ हंसा करती थी

और..मैं मां की हंसी पर तालियां बजा लिया करता था

अपनी नादानियां दिखा दिया करता था।


 मेरे आँसू देख मां आसमां सर पर उठा लिया करती थी

 और.. मैं माँ की सिसकी पर भी बेपरवाह रहा करता था 

अपनी नजरें चुरा लिया करता था।


 चुभे जो कोई काँटा मुझे तो मां आह भरा करती थी

 और... मैं मां की खामोशी पर भी हा हा किया करता था 

अपनी ही जरूरतों को गिना दिया करता था। 


 मेरी लंबी उम्र की दुआ मां हजार बार किया करती थी

 और.. मैं मां कब जाएगी कई बार सोच लिया करता था 

अपनी गृहस्थी मे माँ को भुला दिया करता था। 


मेरी माँ आज मैं कुछ श्रद्धा सुमन भी चढ़ा दिया करता हूँ 

वो बीते पल की याद मे आँसू भी बहा लिया करता हूँ

माँ साल में एक बार मातृ दिवस भी मना लिया करता हूं।


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