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Rajit ram Ranjan

Drama Romance Tragedy

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Rajit ram Ranjan

Drama Romance Tragedy

मेरी ज़िन्दगी पूरी हो गई थी...!

मेरी ज़िन्दगी पूरी हो गई थी...!

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ऐसे गुमसुम सी आज ज़िन्दगी,

ना परिंदा होती,

उसका फोन उठा लेता तो,

शायद वो आज जिंदा होती...!


मेरे साथ आज वो हसती,

मुस्कराती..

मुझपे गुस्सा दिखाती,

नखरे करती मुझपे चिल्लाती,

अपने इस कारनामे से वो

शर्मिंदा होती...

उसका फोन उठा लेता तो,

शायद वो आज जिंदा होती...!


मेरे जिस्म से रूह तक,

उसका ही साया था....

मेरी शर्मीली और मैं उसका

सरमाया था....

झूठी मोहब्बत थी,

सच्ची होती तो ना ऐसा

क़दम उठाया होता...

अपनी तकलीफें मुझको ज़रूर,

बताया होता....

मेरी मोहब्बत सरेआम ना ऐसे,

बदनाम होती....

उसका फोन उठा लेता तो,

शायद वो आज जिंदा होती...!


था कुछ ऐसा कि कल एक खूबसूरत लड़की

मुझको यूँ ही अचानक किस कर लेती है....

और वो देख लेती है...

मुझे मौका देती,

मुझसे पूछती,

मैं उसको जानता भी नहीं था,

ये बात उसे बताया होता....

उसके अंदर कि मिस अंडरस्टैंडिंग को मिटाया होता....

उसने आख़िरी कॉल किया था मुझे,

पर मेरा फोन मेरे पास नहीं था,

मैं जब तक फोन लगाता बड़ी देर हो गई थी....

तब तक छत पर से कूद कर वो सो गई थी...

कुछ पल तो लगा मुझे भी ऐसा कि मेरी ज़िन्दगी पूरी हो गई थी...

पर मैंने ख़ुद को रोका...

समझाया बस इसलिए कि किसी और से ना ऐसी ख़ता होती...

आज भी शर्मिंदा हूँ मैं कि 

उसका फोन उठा लेता तो,

शायद वो आज जिंदा होती...!


ऐसे गुमसुम सी आज ज़िन्दगी,

ना परिंदा होती,

उसका फोन उठा लेता तो,

शायद वो आज जिंदा होती.....!



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