Shubham rawat

Abstract Inspirational Others

3.8  

Shubham rawat

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सपने

सपने

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आँखों में सपना लिए 

एक परिंदा आसमाँ को देखे

 

फलक को चूम लूंगा

जो सहारा माँ बाप का मिले


उड़ान से पहले

ख्वाहिशें बून ली 


जब आया उड़ने का वक़्त

उसके पर काट दिये


पूछा उसने सवाल जब

मेरे सपने क्यों तोड़ दिये 


जवाब में उस से कहा 

तेरी किस्मत पे नहीं लिखा है


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