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Shubham Rawat

Abstract Others

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Shubham Rawat

Abstract Others

एक आखरी बात

एक आखरी बात

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मुझे ऐसे लोग भी मिले हैं जिंदगी में 

जो अक्सर मुझे याद करके रोते है


तुम हो जो हर वक्त नशे में रहते हो 

कितना दुःख हैं तुम्हें, क्यों इतना पीते हो


मुझसे वादा करो तुम

अबसे जिस किसी से भी तुम मिलो

हर किसी को गले नहीं मिलोगे 


ये कैसे-कैसे सवाल तुम्हारे

दिमाग में हैं दुनिया के लिए 

सब लोग इतने बुरे भी नहीं हैं


एक आखरी बात और 'शुभम'

जाते हो तो, मुड़ कर एक बार देख लिया करो 



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