उसे बचाना होगा
उसे बचाना होगा
मैं जिन रास्तों पर चल रहा हूँ
मुझे नहीं मालूम ये कहाँ ले जायेंगे
इन रास्तों की मंजिल है
पर मंजिल का मुझे पता नहीं
मैं खोया हुआ बच्चा हूँ
जो बिछ़ड कर अपने माँ बाप से रो रहा है
उसके आंसू, उसकी सिसकिया बढ़ रही हैं
उसकी सांसे अटक रही हैं
वो डर रहा है
लोग उसे आश्वासन दे रहे हैं
उसे अपने माँ बाप चाहिए
ये कोई कहानी तो नहीं
ये डर भी नहीं है
मेरा मन घबरा रहा है
मैं खो रहा हूँ
कभी कभी रो भी रहा हूँ
बादलों में एक घर है
बरस कर टूट पड़ता है
सब कुछ बिखर सा जाता हैं
ये क्या है
कोई कहानी तो नहीं
वो क्यों रो रहा है
उसे क्या हुआ है
वो डर के साये में हैं
उसे बचाना होगा!
