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Sajida Akram

Abstract Fantasy

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Sajida Akram

Abstract Fantasy

सपने

सपने

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एक नन्हा- मुन्ना देखे है,

सपने इन रंग-बिरंगें गुब्बारों,

सा उड जाऊं गगन में,

मैं भी सैर कर पाता काश...!

नीले गगन के तले,

ले चल पवन मुझे भी तू अपने संग,

देखूं कितना सुन्दर है ये जग सारा,

पहाड़ों, नदियों, समंदर, जंगलों की,

सैर करता फिरूं बस यही मेरी

छोटी सी इच्छा है मेरे छोटे से सपने....! 


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