संयोग
संयोग
तेरा मेरे करीब आना संयोग था ही नहीं,
तेरे मेरे मिलने का कभी योग था ही नहीं।
ज़िन्दगी के रास्ते तो पहले से अलग थे,
संयोग के तो योग न थे, वियोग था ही नहीं।
प्रेम तो पता नहीं कहाँ तक साथ निभाता,
घृणा भी होती तो उसका सोग था ही नहीं।
जीने के तुझ से दूर होकर हज़ार तरीके हैं,
इन तरीकों में तेरा कोई प्रयोग था ही नहीं।
ज़िन्दगी से मृत्यु तक साथ नहीं था अपना,
इस मोड़ का अन्त तक उपयोग था ही नहीं।
जीते जीते पता नहीं हम तुम क्यों मिल गये,
तेरे मेरे मिलने के जैसा अभियोग था ही नहीं।
सूरज और चन्दा को भी मिलते देखा है कभी,
चन्दा-चकोर के मिलने का तो योग था ही नहीं।