नारी का पूर्ण सशक्तिकरण सिर्फ़ और सिर्फ़ एक भुलावा है। नारी का पूर्ण सशक्तिकरण सिर्फ़ और सिर्फ़ एक भुलावा है।
पिछले इल्ज़ाम तो अब ज़माने को रट गए। पिछले इल्ज़ाम तो अब ज़माने को रट गए।
पर दिल के अच्छे वो लोग अब बन गए हैं सबके अच्छे दोस्त। पर दिल के अच्छे वो लोग अब बन गए हैं सबके अच्छे दोस्त।
मेरे पंख होते और मैं इधर उधर उड़कर चली जाती । मेरे पंख होते और मैं इधर उधर उड़कर चली जाती ।
आगे निकलना आसान नहीं है नए तरीके नए राह चुनना है आगे निकलना आसान नहीं है नए तरीके नए राह चुनना है
हर इंसान अलग है तौर तरीके अलग-अलग विचार अलग-अलग हैं सबके। हर इंसान अलग है तौर तरीके अलग-अलग विचार अलग-अलग हैं सबके।