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S P PANDEY

Tragedy

4.0  

S P PANDEY

Tragedy

समझ नहीं आता

समझ नहीं आता

1 min
47



बहुत ही मुश्किल दौर से गुजर रही है ये जिंदगी,

प्यार कहता है के मेरा है पर नज़र नहीं आता।


भरोसा बहुत किया एतबार हद तक किये,

पर उनके दिल मे अब भी कोई और है

समझ नहीं आता।


सब कुछ लूटा दिया उन पर उनके कहते ही,

वो कहते हैं लूटा ही क्या तुम्हारा समझ नहीं आता।


वादे से मैं मुकरता रहता हूँ ऐसा वो कहते हैं,

किसी को उनके दिल मे देख दिल कितना

जलता है उन्हें समझ नहीं आता।


किसी के दीदार से जो रौनक आती है

चेहरे पर उनके,

वो चमक मेरे दीदार से क्यों नहीं समझ नहीं आता।


हज़ारों तीर चुभते हैं इस दिल के अंदर यूं ही,

और वो ख़ंजर भी निकाले बैठे क्यों समझ नहीं आता।

आख़िरी साँस भी कर दी मैंने जिनके नाम,

उनकी सांसों में किसी ओर का नाम समझ नहीं आता।

क्यों समझ नहीं आता....


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