दिल का दर्द
दिल का दर्द
जो मेरे दिल मे चलता है
काश मैं तुम्हे समझा पाता,
जो तेरे दिल मे चलता है
काश में उन्हें समझ पाता।
ये उलझे रिश्ते सुलझ जाते
अगर दिल को दिल समझ पाता।
तुम मेरा दर्द समझ जाती
में तेरा दर्द समझ जाता,
मैं तेरे दर्द की दवा होता
तू मेरा दर्द भुला देती।
में खुदगर्ज नहीं में ये कह पाता,
तेरा खैरख्वाह हूँ तुम समझ जाती।
क्या जायज तेरे लिए तुम समझ पाती,
क्या गलत तुम्हें समझा पाता।
तुम मेरे लिए बेशकीमती
शायद तुम समझ पाती,
तेरा में रखवाला हूँ
काश तुम्हें समझा पाता।
जिसे तुम मेरा
दखलअंदाजी कहती।
वो मेरी फिक्र समझा पाता,
मेरा तुम पर गुस्सा भी
प्यार है तुम समझ पाती
जो मेरे दिल में चलता है।

