STORYMIRROR

Dinesh Dubey

Comedy

4  

Dinesh Dubey

Comedy

शराबियों की निकल पड़ी

शराबियों की निकल पड़ी

1 min
285

हुई बरसात लाई सौगात,

शराबियो की निकल पड़ी,

व्हिस्की, रम की चल पड़ी,

खूब जमी महफिल दिन रात।


कोई पकौड़े ले आया है,

तो कोई अंडे लाया चार,

कोई चाट रहा आचार,

खत्म हुआ सब शिष्टाचार।


दौर चला शराबियो का,

धंधा बढ़ा कबाबियों का,

घर वाले हुए सब परेशान,

जग गए शराबी शैतान।


मिल गया बहाना उनको,

मौसम है ये पीने का अब,

तो बिन पिए इस मौसम में,

कैसे रहेंगे जिंदा यार।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Comedy