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Dinesh Dubey

Children Stories Comedy

4  

Dinesh Dubey

Children Stories Comedy

रेल यात्रा

रेल यात्रा

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रेल यात्रा का मजा ही कुछ और होता था, 

खास कर जब कोयला इंजन हुआ करता था,

छुक छुक करती सीटी बजाती ,

चलती थी रेलगाड़ी,

गांव जाने में लगते थे दो दो दिन,

चेहरे हो जाए थे काले भुजंग ,

उड़ाती थी रेल कोयला और धुआं ,

एक संग ,।

मूंगफली वाले सुनाते थे तरंग ,

देहाती गानों के संग,

एक अलग ही जमता था रंग,

अलग अलग लोगो के संग।



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