STORYMIRROR

Sudhir Srivastava

Comedy

4  

Sudhir Srivastava

Comedy

चलो चांद की ओर

चलो चांद की ओर

1 min
314


ये क्या कर रहे हो यार

अभी अभी तो चंद्रयान पहुँचा ही है

और आपके मुंह में भी पानी आने लगा,

कम से कम कुछ सभ्यता सीखो, मानवता दिखाओ।

अभी थोड़ा इंतजार तो करो

अपने सब्र का जिगरा तो दिखाओ।

अभी चंद्रयान को ही मामा की आवभगत का

भरपूर आनंद तो लेने तो,

मामा के बात व्यवहार औकात का 

कुछ पता तो लगने दो,

इतना न हड़बड़ाओ, 

नग्नता पर न उतर आओ

अपनी धरती मां का अपमान तो न कराओ

इतना भुक्खड़ हो ये चंदा मामा से छिपाओ

शरीफ भांजे बनकर तो दिखाओ।

क्या पता मामा का रहन सहन घर बार कैसा है?

इतना पता तो लगने दो

चंद्रयान की चिट्ठी तार, स्क्रीन शॉट तो आने दो

मामा को भी इतना तो मौका दो

कि वे हमारे खाने पीने रहने का इंतजाम तो कर सकें।

ऐसी भी जल्दबाजी न करो कि 

हमें बेशर्म मानकर रुठ जायें

खाने पीने के नाम सिर्फ सतुआ पिलाएं

खुले आसमान के नीचे सुलाएं।

चलो न चाँद की ओर

हम कहाँ मना करते हैं,

पर आप हमारे साथ भला कैसे जा पाओगे?

हमारा तो कन्फर्म टिकट है

आप वेटिंग टिकट से हमें कंपनी कैसे दे पाओगे?

पहले अपना टिकट तो कन्फर्म कराओ

फिर चलो चांद की ओर का अभियान चलाओ

या सबको बेवकूफ बनाओ

चांद का यात्रा के नाम पर लूटो खाओ

मगर उससे पहले थोड़ा धैर्यवान तो बन जाओ

मेरे दादा काका चाचा ताऊ

मैं हाथ जोड़कर,पैर पकड़ कर 

आप सबसे निवेदन कर रहा हूँ

कम से कम इतनी जल्दी नाक तो न कटाओ।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Comedy