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jignesh 💫 💫

Comedy

4  

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Comedy

अल्पज्ञ दुनिया

अल्पज्ञ दुनिया

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मैं जब उस '' मोहतरमा'' का इन्तजा़र कर रहा था। 

तब दुनिया वालों ने मुझसे सवाल किया, 

कि

धैर्य क्या हैं...? 


तो मैंने हंसते हुए कहा, 

कि

जब आपके नेत्रों रुपि कुएं में नीर, 

छलका जा रहा हो... 


और 

आपका हृदय यह सोच कर शान्त हैं। 

कि

मेरा खुदा मेरे लिये जो भी करेगा अच्छा हि करेगा, 

अब उसकी मर्जी, 

मैं तो एक मामुली मानव हूं।।


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