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jignesh 💫 💫

Others

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अंधविश्वास

अंधविश्वास

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किसी के जाल में फंस कर गवा दिया किसी अपने को,

 है ये तंत्र मन्त्र एक महाजाल,

 क्या तुम्हारी मति मारी गई है ।


शिक्षा को भूल क्यों इस झोल में पड़ते हो ,

मिलता तुम्हें कौन सा सुकून है ,

इस पाखंडी दुनिया में ।


इस दुनिया में कितने पाखण्डि अपना हुलिया बदले घूम रहे,

इतना ही पैसा तुम्हारे पास तो किसी गरीब को रोटी खिला दो ,

अभी नहीं तो कभी नहीं।


है समस्या सब के पास ,

चाहे अमीर - गरीब या बूढ़ा बच्चे जवान,

क्यों तुम इन असुरों के हाथ से अपने प्राण हर वा रहे ?


मत करो उम्मीद किसी से,

बीच राह में ही क्यों भटक रहे,

बुखार आते ही क्यों तुम्हें चुड़ैल याद आती है,

छींक आते ही भूत आ जाते है।


कहां गए वो आपके अल्लाह, गोड ,इसामसी और भगवान ?

उनको झुकाओ माथा तुम ।


अगर तुम्हें खुद पर ही भरोसा नहीं,

तो कैसे चलेगा जीवन तुम्हारा।


आज उठ रही है,

ढोंगी बाबाओं कि ऊंची लहरें।


समय मत बिताओ इन ढोंगियों के पीछे,

सचेत हो जाओ अब तुम।

रोशनी लाओ अपने जीवन में ।।


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