प्रेम कि होली
प्रेम कि होली
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रंगों के त्योहार से तुम्हें रंगना है ,
अबीर - गुलाल सब तुम्हें लगाना है ।
खुशियों के रंग से आज तुम्हें भिगाना है ,
इस बार मना मत करना तुम मुझे ।
तेरा हंसना , रोना , रूठना सब सहुगां ,
इन होली के रंगों की तरह ।
वह रिश्ता कितना अनमोल होगा ,
जिसकी शुरुआत रंगों से होगी ।
तुझे रंग तो सब लगाएंगे ,
पर मोहब्बत के रंग से मैं रहूंगा ।