प्रेमी के विचार
प्रेमी के विचार
मोहतरमा आज इतना खुश क्यों हो ,
कुछ खास हे।
क्या....
और इतना क्यों सजी हो,
कुछ खास हे ।
क्या....
इतनी नजदीक क्यों आ रही हो,
आखरी मुलाकात हे ।
क्या...
इतना शोर क्यूं लग रहा है,
तुम्हारी बारात हे ।
क्या ...
बार बार खिड़की से क्या देख री हो,
नया वाला मुझसे सुन्दर है ।
क्या....
लगता हे ।
मुझसे ज़्यादा प्यार करेगा ,
वो दूध से धुला है।
क्या....
और पैसों का सहारा लेकर मुझे,
भूलने की बात करती हो।
तेरा भेजा........
खाली हे ।
क्या.......।
आज कुछ खास हे।
क्या........।।
