एक स्त्री के मन की व्यथा
एक स्त्री के मन की व्यथा
कान लगा कर ध्यान से सुनना ज़रा
इस मायावी दुनिया की बड़ी समस्या
बढ़ती मंहगाई और टमाटर के
अलावा भी स्त्री जीवन में बहुत
भारी विपदा हर स्त्री की ये व्यथा।
सेहतमंद और पौष्टिक भी हो थोड़ा
हर ज़बान को स्वाद भी आए थोड़ा
लंच और डिनर में रोज़ क्या बनाए
ज़रूरी है इस बात को इंटरनेशनल
समस्या और औरतों की सबसे बड़ी
व्यथा डिक्लेयर किया जाए।
इसके अलावा कुछ और भी हाईलाइट
करना चाहती हूँ
फ़ोटो, सेल्फी और रील बड़ी मुसीबत बनी
ड्रेस फलानी कितनी ही बार में पहन चुकी
अब ये ट्रेंडिंग तो रही नहीं, भतीजे की शादी
जो अटैंड करनी तो आउटफिट तो सही
होने चाहिए कि नहीं।
खाने और ओढ़ने को जाने देते हैं
स्त्री जीवन की आजकल एक ओर
बड़ी डिमांड फैशन में है यार
मी टाईम के बिना जीवन है जंजाल
उस नारी की पूछो ज़रा व्यथा जिसे
पता नहीं कि पड़ोसी के घर क्या बना
कौन आया और कौन गया?
चलिए अब सबसे बड़ा दर्द स्त्रियों का बताएं
सारे घर भर का काम हम जो निबटा कर आए
जहाँ फोन को हाथ लगाया सारे घर भर ने
फिर हंगामा ही बरपाया ,फोन के अलावा
तुम्हें कुछ सुझता है कि नहीं,काम काज
में मन तुम्हारा लगता ही नहीं।
बताइए सब कुछ कर भी बातें सुना करती
स्त्री जीवन की व्यथा का तो कोई अंत ही नहीं।
