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Harpreet Kaur

Romance

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Harpreet Kaur

Romance

प्रीत का रंग

प्रीत का रंग

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शीत की ठिठुरन, ग्रीष्म की तपन

के मध्य येे फागुुन ले के आया है


मदमस्त रंगीली पवन, 

यूंं तो रंंग सारे मतवाले, 

लाल, गुलाबी, नीले, हरे

प्रीत का रंग है निराला


मिला पिया का संग

छा गया नेह का रंंग

रंगी मै सावंरे के रंंग

अब ना भावे दूजा रंग


अंग अंग गाए मल्हार, 

फागुन ने कर दिया 

मलंग, आ सजना खेलूँगी 

होली तेरे संग।


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