इजाजत हो तो निहार लूँ
इजाजत हो तो निहार लूँ
चाँद सा मुखड़ा तेरा,
सांवला सा मनभावन है
मुस्कराहट तेरी इतनी प्यारी
गंगा सी ये पावन है
भक्त बन मैं प्यारा सा,
आरती तेरी उतार लूँ
चाँद सा ये मुखड़ा तेरा,
इजाजत हो तो निहार लूँ ?
प्यारी प्यारी तेरी बातें,
दिल में भरती जुनून हैं,
सुनता रहूं मैं भी दिनभर,
इतना इनमे सुकून हैं
चंपी कर दूँ बालों में,
जुल्फ़े तेरी संवार लूँ
चाँद सा ये मुखड़ा तेरा,
इजाजत हो तो निहार लूँ ?
सांवली सलोनी तेरी अदाएं,
दिल में करती वार हैं,
हेमन्त को अपनी पगलू से,
इतना सारा प्यार है
हाथ पकड़कर तेरा मैं,
पहाड़ो को कर पार दूँ,
चाँद सा ये मुखड़ा तेरा
इजाजत हो तो निहार लूँ ?
डांस तेरा इतना प्यारा,
आंखों में बस जाता है
हाथ पकड़ता जब भी तेरा,
हेमन्त मदहोश हो जाता है,
परवाह करूं तेरी इतनी सारी,
अब चाँद को भी क्या गुलाब दूँ ?
चाँद सा ये मुखड़ा तेरा
इजाजत हो तो निहार लूँ?
आंखें तेरी इतनी प्यारी,
सितारें भी शर्माते हैं
रोशन होती मेरी ज़िंदगी,
जब आप दिल में बस जाते है,
सितारों से जो ज्यादा चमके,
उसको दुआओं से भरा सैलाब दूँ!
चाँद सा ये मुखड़ा तेरा
इजाजत हो तो निहार लूँ ?
कविता मेरी इतनी सारी,
भला कहां बता पाती है,
बताता हूँ जब तेरे बारे में,
शब्दों का रोना रो ज़ाती हैं,
तेरी मोहब्बत के नाम पर,
लिख मैं भी एक किताब दूँ,
चाँद सा ये मुखड़ा तेरा
इजाजत हो तो निहार लूँ ?