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Rashmi Singhal

Comedy

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Rashmi Singhal

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रश्मि सिंघल का सीधा चश्मा

रश्मि सिंघल का सीधा चश्मा

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"रश्मि सिंघल" के सीधे चश्में में

हो गया एक दिन बड़ा कमाल,

लिखते-लिखते जाने ख्यालों में

कब-कैसे आ पहुँचा पोपट लाल?


तुम्हीं मुझ पर कुछ खाओ तरस

बोला बस अब बहुत हो चुका,

अपनी पत्नी की तलाश में,मैं

सारा अपना जीवन खो चुका,


शायद सीधा चश्मा कुछ कर दे

कर न सका जो उल्टा चश्मा,

बीत गए हैं कितने वर्ष पर

हुआ न अब तक कोई करिश्मा,


रहे सहे जीवन में शुरू हो गया

कोविड़ का यह नया झमेला,

सब अपने परिवार संग हैं,पर

मैं रह गया बिल्कुल अकेला,


क्या ये भी कोई जीवन है

खुद ही खाना खुद पकाना,

दीवारों संग बड़बड़ाना अकेले

चादर तान के फिर सो जाना,


जाने रहूँगा कब तक कुँवारा

हूँ जगत में सबसे मशहूर?

मेरे इस सूने जीवन से होगी

आखिर!कब तन्हाई दूर?


तुम होंगे कामयाब कभी तो

ये,कहा मैंनें सुनो भाई पोपट,

बिना नसीब नहीं मिलता कुछ 

मत रक्खो तुम दिल में खटपट,


"रश्मि सिंघल"के सीधे चश्में ने

ये कहा दिखाते हुए चतुराई,

बस थोड़ा ओर इंतजार कर लो

जरा लाेकडाऊन खुलने दो भाई।



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