STORYMIRROR

Rashmi Singhal

Others

4  

Rashmi Singhal

Others

तन्हाईयाँ भी अच्छी हैं

तन्हाईयाँ भी अच्छी हैं

1 min
355


होती है मुलाकात मेरी जब भी तन्हाई से

करती हूँ बातें ढेरों मैं अपनी ही परछाई से,


लगाती हूँ गोते अपने दिल के समंदर में

निकलकर बाहर इस दुनिया कि गहराई से,


पलटती हूँ कुछ पन्ने मैं अपने किरदार के

मिलाते हैं वो मुझे मेरी अच्छाई-बुराई से,


कभी देखती हूँ जमीन तो कभी आसमान

सीखती हूँ बहुत इनकी निचाई से-ऊँचाई से,


कभी-कभी होती है तन्हाईयाँ भी अच्छी,ये

मिटा देती हैं दूरी हमारी खुद की जुदाई से।


         


Rate this content
Log in