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Habib Manzer

Drama Romance

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Habib Manzer

Drama Romance

शायद उधार पर मुझे ये ज़िंदगी

शायद उधार पर मुझे ये ज़िंदगी

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शायद उधार पर मुझे ये ज़िंदगी मिली

मुद्दत के बाद दिल को मेरे खुशी मिली


दिल का करार दिल से निकला ना एक दिन

मुश्किल से प्यार दिल को कुछ पल मुझे मिली


फुरसत के रात दिन में दिल में ख्याल तेरा

रातों में ख्वाब तेरा मुश्किल से अब मिली


डरने लगा हुँ मैं भी तन्हाइयों से अपने

जब आरज़ू बची ना मुझ को खुशी मिली


चाहा था चाँद लाना घर में उसे बसाना

मुद्दत के बाद मुझको कोई रोशनी मिली


आँखों में कैसे झाँक कर तुमने कहा मुझे

दिल भी बहुत उदास था थोड़ी खुशी मिली


चलता गया सफर में थी जुस्तजू तुम्हारी

जब तुम मिले थे मुझको मंज़िल मुझे मिली


मंज़र भी ज़िंदगी भर चाहा था दिल से तुमको

मेरे दिल की चाहतों में एक तुम सनम मिली।।


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