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Sonam Kewat

Tragedy Thriller Others

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Sonam Kewat

Tragedy Thriller Others

शायद मैं बोझ हूँ

शायद मैं बोझ हूँ

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तीस साल की हो चुकी हूं पर 

अब भी मां बाप के घर में रहती हूं 

शादी नहीं हुई है अब तक इसलिए

शायद रिश्तेदारों की आंखों में चुभती हूं 


बेटी को इस तरह इतने दिनों तक 

घर में रखने का कोई रिवाज नहीं है 

पीठ पीछे कहते ही होंगे लोग की 

मां बाप को मेरेे उम्र का लिहाज नहीं है 


रिश्ते तो वो हमेशा देखते हैं मेरे लिए 

पर कोई मेरे मन को भाता नहीं है 

करियर छूटने की चिंता होती है और

दूसरों के सहारे जीना आता नहीं है 


मां-बाप कभी मुझसे कुछ कहते नहीं

पर चिंता तो उन्हें जरूर होती होगी 

मेरी बेटी का घर बस जाए ऐसा तो 

मेरी मां भी हमेशा सोचती होगी 


सपने मुझे रातों में जगा कर कहते हैं 

मैं सपनों की एक नई सोच हूं पर 

समाज में शादी को देख लगता है कि 

मैं अपने मां-बाप पर कोई बोझ हूं।


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