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SUNIL JI GARG

Drama Tragedy Inspirational

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SUNIL JI GARG

Drama Tragedy Inspirational

शादी जो टूटी

शादी जो टूटी

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काहे उस शादी में गया

सदा रहा मुझको मलाल

दहेज के लिए टूटा रिश्ता

दिल बिलकुल हुआ हलाल


बिलकुल दृश्य था फिल्म जैसा

चिल्लम चिल्ली थी मची हुई

देखा बिल्कुल न जाता था

पगड़ी जमीन में रखी हुई


मन हुआ दूल्हे की करूं पिटाई

आज का युवक और ऐसा लालच

पूरा परिवार बिलकुल गिद्ध सा

मांगे गाड़ी और जमीन के कागज


जल्दी समझ आ गया कि

अच्छा हो अगर शादी न हो

अपने दोस्त की बिटिया की

जीवन की यूं बर्बादी न हो


ऐसी बारात लौट ही जाए अच्छा

बिटिया को बेहतर मिलेगा साथी

ये कहकर मैंने मित्र को समझाया

उसकी पगड़ी उठा वापस बांधी


दो साल बाद वो बिटिया नए साथी संग 

घर मेरे आई है रात्रि के भोज पर

दोस्त भी आया है साथ में इनके

गदगद हूँ नियति के इस संजोग पर



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