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Dhan Pati Singh Kushwaha

Drama Classics Inspirational

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Dhan Pati Singh Kushwaha

Drama Classics Inspirational

सच्चे सुपर मैन

सच्चे सुपर मैन

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सर्वशक्ति सम्पन्नता का सपना

हर कोई ही देखता है दिन-रैन।

हर पल पर- हित का चिंतन करें,

वे सब ही जन हैं सच्चे सुपर-मैन।


निज विद्या से विवाद करते हैं दुर्जन,

सज्जन जन कल्याण में ही करते हैं।

सज्जन धन व्यय करते सत्कार्यों में ,

दुर्जन अपव्यय -ऐश्वर्य प्रदर्शन करते हैं।

शक्ति पा आंख तरेर दिखाते हैं दुर्जन,

श्रेय दे प्रभु को सज्जन नीचे रखते नैन।

हर पल पर- हित का चिंतन करें,

वे सब ही जन हैं सच्चे सुपर-मैन।


पर सुख जिनके दुख का कारण,

और लक्ष्य स्वार्थ ही तो होता है।

पर पीड़ा में अर्जित शक्ति लगाते,

ऐसा ही स्वभाव दुष्टों का होता है।

पर रक्षण ही परम् धर्म, पर दुख से,

सज्जन तो हो जाते हैं अति बेचैन ।

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हर पल पर- हित का चिंतन करें,

वे सब ही जन हैं सच्चे सुपर-मैन।


तन-वाणी से तो एक से ही हैं लगते,

आवरण न होने देता इनकी पहचान।

समय और आचरण ही हैं बतला पाते,

कौन है दुष्ट और कौन है सच्चा इंसान।

सज्जन सज्जनता तो कभी न छोड़ते,

समय पड़े तो दुष्ट बदल देते निज बैन।

हर पल पर- हित का चिंतन करें,

वे सब ही जन हैं सच्चे सुपर-मैन।


सज्जन-दुर्जन तो सदा ही रहें हैं जग में

आज भी हैं आगे भी यूं ही रहते जाएंगे।

सच की परम शक्ति से वे होंगे पराजित ,

ध्वज सदा धर्म के सज्जन ही लहराएंगे।

सुसंस्कार रखें निज आचरण और मन में,

अखिल विश्व में हो शान्ति और सुख-चैन।

हर पल पर- हित का चिंतन करें,

वे सब ही जन हैं सच्चे सुपर-मैन।


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