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Rajit ram Ranjan

Romance

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Rajit ram Ranjan

Romance

सच को छिपाने में

सच को छिपाने में

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मोहब्बत करना भी गुनाह हैं,

इस जमाने में,

अब कहां वों बात है,

दिवाने में,


बस हक जताते है,

एक उन्हें पाने में,

मौज़ ही मौज़ हैं,

समा को पिघल जाने में,


कितने झूठ बोलते हैं,

एक सच को छिपाने में,

अब तो जीना भी,

अच्छा नहीं लगता इस ज़माने में,


लहर को भी मजा आता हैं,

कस्ती को डुबाने में,

पुरी उम्र गुजार देंगे,

एक सिर्फ तुम्हें पाने में,


जी चाहता है,

पंछियों के साथ उड़ जाने में,

आज भी खुशी होगी,

मेरी जान एक तुझे अपनाने में।


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