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Ridima Hotwani

Romance Fantasy

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Ridima Hotwani

Romance Fantasy

सब्र ऐ बांध ( कविता )

सब्र ऐ बांध ( कविता )

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हम अहसासों की शमां जलाए बैठे हैं

तुम आओ तो मुकम्मल जहां होगा।


तेरे आने से ही तो रोशन दिल ए महताब होगा।


हर्फ़-हर्फ़ मिलेंगे तुझ से

फिर बयां, दिले-कांरवां होगा।


सब्र ऐ उम्मीद का बांध

तेरे बाजुओं में टूट कर बिखरने को


तेरी हर आहट पे जवां-रवां होगा।।


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