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Rajeshwar Mandal

Romance

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Rajeshwar Mandal

Romance

झगड़ा

झगड़ा

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चलो 

एक काम करते हैं 

टेंशन दूर करने के लिए 

कोई बाग चलते हैं

अनजान बन कर वहां 

एक दूजे से मिलते हैं

तुम इस कोने से आना

मैं उस कोने से आऊंगा

किसी लकड़ी के बेंच पर 

अगल बगल बैठ जाऊंगा 

तुम मेरा नाम पूछना

मैं तुम्हारा नाम पूछूंगा

स्वच्छंद और बेमन

इधर उधर की बात

शनै: शनै:

फिर प्यार की बात

इकरार और इनकार की बात 

न की घर परिवार की बात 

पर एक और बात

वहां लड़ना मत

झगड़ना मत

जैसे रोज रोज

यहां लड़ती और झगड़ती हो

उसने बोला सब ठीक है 

पर बर्फी कुलफी कौन खिलाएगा 

मैं बोला पैसे नहीं है 

अन्ततः फिर इसी बात पर

तगड़ा झगड़ा हो गया

बाग जाने का प्रोग्राम

आज फिर कैंसिल हो गया।

    



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