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Rajeshwar Mandal

Others

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Rajeshwar Mandal

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मतिभ्रम

मतिभ्रम

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   न ख्वाबों से कोई रिश्ता
   न  नींद से कोई दुश्मनी
   बावजूद इसके
   ख़ुद को बेचैन किए लोग
   तलाश -ए-  सुकून 

   शायद और संभवतः
   अपनों से परेशान 
   अकारण
   और एक उम्मीद
   उस गैरों से एहसान की
   जो शख्स 
   खुद परेशान अपनों से 
   आखिर कब तक 
   वह सहारा दे सकता है
   मतिभ्रम !

   मृगतृष्णा सी इन रिश्तों 
   की खोज में
   आखिर कब तक
   बिन दीवार
   ऐसे लुका छिपी का खेल
   खेला जा सकता है

   फिर वही बात 
   शायद और संभवतः
   तब तक
   जब तक अनगिनत ठोकरों से 
   तार तार न हो जाए 
   खुद का अस्तित्व
   या अपनों के 
   दिल के कोने में 
   बची खुची 
   रति भर विश्वासें ।
            


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