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Rajeshwar Mandal

Others

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Rajeshwar Mandal

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बड़ा बाबू

बड़ा बाबू

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   एक जमाना ऐसा था
   तंगी बहुत ही पैसा था
   था मैं स्वामी दुर्बल काया 
   खेती मजदूरी नहीं भाता था
   एक ही आसरा सरकारी नौकरी
   इसलिए अर्दली से कलेक्टर तक 
   हर एक फारम  भरता था 

   फारम कैसे कैसे भरता था 
   वो पिताजी और मैं ही जानता था 
   कभी गहना जेवर बंधक लगे 
   या फिर खेत के कुछ कोने बिके 
   सरकार विशेष दल की थी
   भ्रष्टाचार चरम पर थी
   भूल से लिखित पास भी करता था 
   तो इंटरव्यू में जाकर अटक जाता था 

   कैसे इंट्री लेना है
   रास्ते सब मालूम थे 
   पर गरीब गुरबा के लिए
   वो भी दरवाजे  बंद थे

   ब-किस्मत भर्ती पदाधिकारी 
   एक नेक इंसान बना
   ढ़लती उम्र में मानो 
   मेरा ही किस्मत जगा
   लायक तो था कुछ और 
   पर जैसे तैसे किरानी बना

   हालांकि मैं यथासंभव 
   निष्ठापूर्वक काम करता हूं
   पर असक्षम हाकिम के कारण 
   उसके हिस्से का गाली रोज़ मैं सुनता हूं
   दिल तब और बैठ जाता है
   जब बरामदे से आवाज आती है
   सौ हरामी मरता है
   तब एक किरनी जनमता है
   हजार किरानी मरता है
   तब एक बड़ा बाबू पैदा होता है।
              


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