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Praveen Gola

Romance

4  

Praveen Gola

Romance

इश्क इबादत नहीं

इश्क इबादत नहीं

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इश्क इबादत नहीं,

ये दिल का उसूल है।

हर धड़कन में छुपा,

इक गहरा फज़ूल है।


यकीन की चादर तले,

सपनों की बात है।

जज्बातों का दरिया,

पर कुछ अनकही बात है।


मिलना या ना मिलना,

किस्मत का लेख है।

दिल के रास्तों में,

ख्वाबों का एक नेक है।


संगीन सी राहों में,

आशाओं का मंजर है।

ग़म का भी साया,

पर खुशियों का भी खंजर है।


इश्क में हारे हैं जो,

वो फिर भी जीतते हैं।

दिल के इन जख्मों को,

फिर जश्न में सीते हैं।


कभी ये इम्तिहान है,

कभी सुकून का जहान।

इश्क की इस दौड़ में,

हर कोई है परेशान।


फिर भी ये सफर,

जिंदगी का सबब है।

मिलना या ना मिलना,

खुदा का अदब है ||



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