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fp _03🖤

Abstract Romance Others

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Abstract Romance Others

वो मुलाक़ात

वो मुलाक़ात

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हमारी वो एक ही बार की मुलाक़ात थी 

फिर ना मैं उससे मिलने गया और 

ना उसने मुझे बुलाना ज़रूरी समझा।


 मुझे याद है जब तुमने कहा था , मेरा इंतज़ार करना ।

उस समय मैं ये बातें फ़िज़ूल मानता था ,

भला कौन सा गया हुआ व्यक्ति मुड़ कर वापिस आया है।

 लेकिन अब मुझे लगता है मानो मैं कबसे तुम्हारा ही इंतज़ार कर रहा हूं। 

मैं जानता हूं , ये बात तुम्हें मालूम भी नहीं होगी,

मगर तुम सुनो जाना 

तुम मेरी कभी पूरी न होने वाली मोहब्बत बन गई हो।


मेरे दिल और दिमाग में बस तुम ही हो 

हर पल , हर समय , मैं बस तुम्हें ही सोचता हूं ।

मेरे हिज़्र में बस तुम ही बसे हुए हो ।


एक पहर से दूसरी पहर , दूसरी पहर से तीसरी पहर 

और न जाने कितना समय बीत गया है, तेरा इंतज़ार करते करते 

काश तुम समझ जाओ और आ जाओ मेरे पास ।


मेरी दिल ए तमन्ना है कि

जो एक मुलाक़ात हमने की थी क्यों न हम उसको ज़िंदगी में रोज़ की मुलाक़ात में बदल लें।

मगर जनता हूं मैं ये कभी नहीं होगा ।

और ये ऐसे ही ख़त्म हो जाएगा ।



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