सब ठीक हो जायेगा यारो
सब ठीक हो जायेगा यारो


कुदरत के ढाए इस कहर की क्या कहें
यारो बीमारी से तड़पते हर नगर की क्या कहें
यारो हर एक मुसीबत से लड़ते देखा था लोगों को
मुसीबत से बड़ी इस गदर की क्या कहें यारो।
रोज कुछ अच्छा सुनने को बेचैन हर शख्स
रोज आती डरावनी खबर की क्या कहें यारो।
सूनी पड़ी सड़कों पर जानवर उतर आए हैं
वीरान से पड़े इन शजर की क्या कहें यारो।
हर चीज को छूने पर लग रहा है डर शक से
चारो जहां फैले इस जहर की क्या कहें यारो।
रातों सो जाते उम्मीद से कि कल ठीक होगा
और खौफ लाती नई सहर की क्या कहें यारो।
हर शख्स के खैरत की दुआ मांगता 'सिंधवाल'
तूफां के बाद खुशी के मंजर की क्या कहें यारो।