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संदीप सिंधवाल

Tragedy

4.3  

संदीप सिंधवाल

Tragedy

सब ठीक हो जायेगा यारो

सब ठीक हो जायेगा यारो

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360


कुदरत के ढाए इस कहर की क्या कहें

यारो बीमारी से तड़पते हर नगर की क्या कहें


यारो हर एक मुसीबत से लड़ते देखा था लोगों को

मुसीबत से बड़ी इस गदर की क्या कहें यारो।


रोज कुछ अच्छा सुनने को बेचैन हर शख्स

रोज आती डरावनी खबर की क्या कहें यारो।


सूनी पड़ी सड़कों पर जानवर उतर आए हैं

वीरान से पड़े इन शजर की क्या कहें यारो।


हर चीज को छूने पर लग रहा है डर शक से

चारो जहां फैले इस जहर की क्या कहें यारो।


रातों सो जाते उम्मीद से कि कल ठीक होगा

और खौफ लाती नई सहर की क्या कहें यारो।


हर शख्स के खैरत की दुआ मांगता 'सिंधवाल'

तूफां के बाद खुशी के मंजर की क्या कहें यारो।


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