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Anita Sharma

Romance

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Anita Sharma

Romance

साथ

साथ

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खिले थे फूल चारों ओर, सरसों ने पीली चादर बिछाई थी।

चल रही थी बसंती बयार, जिसमें इक खुमारी छाई थी।

उस प्यारे मौसम में जब, तुमने थामा था हाथ मेरा

सच पूछो तो उस दिन थोड़ी सी मैं घबराई थी।

अगले ही पल डर खत्म हुआ

जब तुमने धीरे से मेरी उंगली में वो 

घास की अंगूठी पहनाई थी।

खास हो गया वो लम्हा क्योंकि 

उस लम्हे में हमने हमेशा संग रहने की कसमें खाई थी।

आज भी हम निभा रहे उन कसमों उन वादों को

घास की अंगूठी से बंधे हम दोनों

जीवन भर साथ निभाने को।


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