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Sudershan kumar sharma

Romance

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Sudershan kumar sharma

Romance

सपना (गजल)

सपना (गजल)

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मेरे लिए वो ही सौगात होती है,

सपनों में जब कभी बात होती है। 


याद आता है जब गुजरा जमाना,

आँखों से आंसुओं की बरसात होती है। 


आ जाता है सब याद, देख कर उनका चेहरा, 

हिलते नहीं उनके लब पर बात होती है। 


पकड़ कर चलते हैं , हाथ जब मेरा,

सुहाने सफर की शुरुआत होती है। 


न रोकता है कोई न टोकता है कोई, बाप  

बेटे की जब बात होती  


दिखता नहीं मेरे और उनके सिवा कोई, सिर्फ

काली अंधेरी रात होती है। 


आँख खुलते ही टूट जाता है, सपना जब,

आँखों से अनोखी बरसात होती है। 


बिछुड़ जाते हैं अपने जब इस जहाँ से सुदर्शन

फिर कब असल में बात होती है। 


यादें रह जाती हैं ता उम्र भर, सपनों में भी मिलने

की चाहत होती है।



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