शाम कर गए
शाम कर गए
दोस्त भी दुश्मन की तरह काम कर गए।
उम्मीद थी सुबह की मगर शाम कर गए ।
यादें तुम्हारी आई और आंखें बरस पड़ी।
दुनिया समझ रही थी कि सब जख्म भर गए।
चेहरे पर है शिकन, और दिल में शिकायतें।
नफरत है जिनको मुझसे तेरे कान भर गए।
सच से तेरा हसद और तेरा झूठ से गुरुर।
यह आईने तो टूटे मगर काम कर गए।।
हिम्मत की बागडोर ना हाथों से छोड़िए।
शिकस्त से जो डर गए मतलब वह मर गए।

