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Laxmi Tyagi

Romance

4  

Laxmi Tyagi

Romance

प्यार का मौसम

प्यार का मौसम

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धड़कनों की ताल हो ,

इश्क़ बेशुमार हो। 

तेरा-मेरा साथ हो। 

नजरों में ख़ुमार हो। 

सर्दी हो या बरसात हो। 

गर्मी ,या अवकाश हो। 

तेरी चाहत की नाव हो।

प्रेम की पतवार हो।


चांदनी रात हो ,

या ठंडी बयार हो।

प्यार की पुकार हो ,

या नौका विहार हो। 

हाथों में हाथ हो। 

मन पे न कोई बोझ ,

न ही कोई व्यापार हो।

न कोई सरहद ,न दीवार हो। 

चाहत का असर बेशुमार हो ,

हर मौसम ही ,''

प्यार का मौसम'' बन जाता है।  


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