प्यार का मौसम
प्यार का मौसम
धड़कनों की ताल हो ,
इश्क़ बेशुमार हो।
तेरा-मेरा साथ हो।
नजरों में ख़ुमार हो।
सर्दी हो या बरसात हो।
गर्मी ,या अवकाश हो।
तेरी चाहत की नाव हो।
प्रेम की पतवार हो।
चांदनी रात हो ,
या ठंडी बयार हो।
प्यार की पुकार हो ,
या नौका विहार हो।
हाथों में हाथ हो।
मन पे न कोई बोझ ,
न ही कोई व्यापार हो।
न कोई सरहद ,न दीवार हो।
चाहत का असर बेशुमार हो ,
हर मौसम ही ,''
प्यार का मौसम'' बन जाता है।

