विश्वास
विश्वास
सुनो दिकु.....
कुछ इम्तिहान और लगेंगे तुम तक मेरी बात पहुंचाने के लिए
पर एक दिन वो वक्त ज़रूर आएगा
तय करना है सफर मिलों दूर का अभी
मेरा परिश्रम तुम तक मुजे ज़रूर पहुंचाएगा
लाख कोशिश कर ले ये कायनात तूफानों में गिराने की
यह विश्वास मिटेगा नही, ना ही थकेगा
प्रेम का इंतज़ार अपनी दिकु को ज़रूर वापिस लायेगा
प्रेम का इंतज़ार अपनी दिकु के लिये।

