सासूजी,क्यूँ खोली मेरी आलमारी
सासूजी,क्यूँ खोली मेरी आलमारी


सासू जी तूने मेरी क्यूँ खोली आलमारी,
उसमें मैंने कुछ वैस्टर्न ड्रेसेस थी छुपाई !
अब तो आप मुझे देंगी सौ हज़ार ताने,
कि, ये बहुरिया तो हमरी बात ही ना माने !
अब आप बताओ, क्या करूँ मैं सासू जी,
जब पहनने को मचले हिया छोटी कांचली!
हटा दो ना बंदिशें और अपनी तानाशाही,
बंद कमरे में बन जाने दो रूप की शहज़ादी !
कसम से, आपकी इज्जत और बढ़ जाएगी,
जब शौक पूरे करने की इज़ाज़त मिल जाएगी !