सांसों के सुरताल
सांसों के सुरताल
शब्दों के जाल
भावों के भंवर
सांसों के सुरताल
जीवन की डगर।
बचपन के कुछेक साल
जवानी की झंकार
बुढ़ापे में देखभाल
यूंही चले संसार।
रिश्तों में तेर-मेर
यादों से मालामाल
वक्त का हेर-फेर
मोह का मायाजाल।
अंतहीन विलीनता की
ओर-छोर का पता नहीं
अद्भुत आलौकिकता की
खोज में ख़ता नहीं।
सुखी आश्रय की चाह लिए
जानी-अन्जानी राहों में थकन नहीं
अपने -पराये की परवाह किए
मौन अनुभूति में कोई कथन नहीं
हर भाषा में प्यार केवल प्यार
जिस पर टिका सब बर्ताव
अलग-अलग वर्णमाला में भी
अर्थ बिल्कुल एक समान।