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Rachna Vinod

Fantasy

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Rachna Vinod

Fantasy

ख़्यालों ख़्वाबों में

ख़्यालों ख़्वाबों में

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बादलों की गर्जन में

आसमानी बिजली की जलन में

हवा, जल के बदलाव से

ज़मीं समेत खगोलीय परिवर्तन में। 


सितारों से आगे का जहां 

देखने की चाहत लिए

कभी-कभी ख़्याली उड़ान

ऐसी दुनिया में ले आए

जहां पहुंचते ही

बेसबब दिल पूछे

कि

जाने -पहचाने नज़ारों को छोड़

यह किस दुनिया में पहुंचे

जहां

खुले आसमां में

बादलों से ऊपर 

हर समय नमीं ही नमीं 

मस्ती में झूमती हवा

खुशगवार माहौल 

पाकीजा फ़िज़ा 

प्रीत -प्यार में रचे-बसे श्वास 

एक दूसरे से स्नेही लगाव

बस एक अन्दरुनी विश्वास

कि

ख़यालों ख़्वाबों में उड़ती उड़ान

हक़ीक़त की ज़मीं पर भी 

कभी कभी

ऐसे जहॉं से भी करे पहचान!

बस

उड़ते-फिरते हैं ख्यालों-ख़्वाबों में 

नया करने नया देखने की दौड़ में 

कभी आगे निकले, कभी पीछे रहे

बेशुमार चाहतों की होड़ में।

लेकिन

सोच की रफ़्तार सी कोई रफ़्तार नहीं

पल में पहुंचाए कहीं-कहीं

बैठे-खड़े, जागते-सोए

आप तो रहे वहीं के वहीं।



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